RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -07-Jan-2023

फै

हर राह गुजरती है फैसलों के 
इम्तिहान से होकर कैसे समझूं
मेरी जिंदगी का कौन सा फैसला
किस मोड़ की राह दिखाएगा
कब कौन सा फैसला पछतावे का 
रूप ले मेरी राहों को कमजोर कर 
जाएगा, डर बहुत है फैसलों की इन
राहों पर जहां चल रही है मेरी जिंदगी
की डोर पुछ कर मुझसे मुझसे मेरे 
एहसासों को छोड़ रहा है, फैसला 
हर बार एक ज़ख्म छोड़ चला जाता है
आईने का मुख कुछ धुंधला कर जाता है।
       राखी सरोज 

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5 Comments

Sushi saxena

08-Jan-2023 06:57 PM

बेहतरीन

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Muskan khan

08-Jan-2023 05:22 PM

Nice

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Renu

08-Jan-2023 05:00 PM

👍👍🌺

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